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शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

सरस्वती वन्दना

 [ डायरी के पन्नों से---

नोट : आज वसन्त पंचमी है, और सरस्वती पूजा भी।

इसी क्रम में ------]

सरस्वती वंदना


हंसवाहिनी ! ज्ञानदायिनी ! ज्ञान कलश भर दे !

माँ शारदे वर दे ।


मिटे तमिस्रा कल्मष मन का

मन निर्मल कर दो जन जन का


वीणापाणि! सिर पर मेरे,वरद हस्त धर दे! 

माँ! वागेश्वरी ! वर दे ! 


अंधकार पर विजय लिखे हम

सच के हक़ में खड़े रहें हम 


निडर लेखनी चले निरन्तर, धार प्रखर कर दे !

!माँ भारती ! वर दे !


सप्ततार वीणा के झंकृत

हो जाते सब राग अलंकृत


बहे कंठ से स्वर लहरी माँ, राग अमर कर दे !

माँ सरस्वती ! वर दे । 


-आनन्द.पाठक-


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