मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

चन्द माहिए

 



चन्द माहिए


1

घिर घिर आए बदरा,

बादल बरसा भी,

भीगा न मेरा अँचरा।


2

कुछ सपने दिखला कर,

लूट लिए मुझको,

सपनों के सौदागर।


3

कुछ रंग लगा ऐसा,

बन जाऊँ मैं भी,

कुछ कुछ तेरे जैसा।


4

सब प्यार जताते हैं,

कौन हुआ किसका,

सब अपनी गाते हैं?


5

माजी की यादें हैं,

लगता है जैसे,

कल की ही बातें हैं।


-आनन्द.पाठक-


2 टिप्‍पणियां: