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गुरुवार, 14 नवंबर 2024
ख़्वाहिशें
जिंदगी में कुछ पाने की ख़्वाहिश हमेशा होनी चाहिए क्योंकि ख्वाहिशें ही हकीक़त बनती हैं।जब ख़्वाहिशें हकीकत का जामा पहनती हैं तब जो आंतरिक सुख मिलता है, उसका रसास्वादन स्वयं के अलावा कोई नहीं कर सकता। हम दूसरों से अपने अनुभव बता तो सकते हैं, किंतु उन्हें महसूस नहीं करवा सकते। ख़्वाहिशें आपकी अपनी हैं, पूरा करने के लिए कोशिशें भी स्वयं ही करनी होंगी। बिना कोशिश के कोई भी ख़्वाहिश पूरी नहीं हो सकती।इसलिए ख़्वाहिश को पूरा करना है तो कोशिश जारी रखनी होगी। सपने देखने मात्र से पूरे नहीं होते। उन्हें पूरा करने के लिए अथक परिश्रम की आवश्यकता होती है।बहुत कुछ पाने के लिए आलस्य का परित्याग करना पड़ता है। आलस्य हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। यदि हम आलस्य पर विजय पा जाते हैं तो हमें दुनिया जीतने से कोई नहीं रोक सकता।कर्मठ व्यक्ति कभी भी आलस्य में पड़ा हुआ नहीं दिखाई देगा। सपने देखना,उसके लिए कोशिशें करना और आलस्य से दूर रहना, एक सफल व्यक्ति की निशानी है।आप दुनिया के किसी भी सफलतम व्यक्ति को देख लीजिए,उसके अंदर ये तीनों गुण अवश्य दिखाई देंगे। इसीलिए सकारात्मक रहने, सपने देखिए, कोशिशें करिए और आलस्य से दूर रहिए और सफल होकर दुनिया में उजाला फैलाइए।🙏🙏🙏
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मेरी कलम से
मैं डॉ. शिल्पी श्रीवास्तव निवासी मेंहदौरी कॉलोनी प्रयागराज।वर्तमान में मैं एम.पी.वी.एम.गंगागुरुकुलम विद्यालय, प्रयागराज में हिंदी और संस्कृत के अध्यापिका हूँ। मैंने वर्ष 2002 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की एवं सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया । फिर मैंने 2005 में नेट की परीक्षा उत्तीर्ण की एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग से शोध कार्य किया।मेरा शोध विषय है- पदार्थ धर्मसंग्रह: एक परिशीलन। मेरे पिता श्री अशोक कुमार श्रीवास्तव इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं एवं माता श्रीमती शशि श्रीवास्तव गृहस्वामिनी हैं। 2009 में मेरा विवाह श्री सुधीर श्रीवास्तव के साथ हुआ जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं। सन 2010 में मुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई मेरे बेटे का नाम हर्ष श्रीवास्तव है।मेरा हिंदी साहित्य लेखन के प्रति विशेष झुकाव है।इसी झुकाव के कारण हाल ही में मैंने हिंदी से पुनः एम.ए. किया। मैं कविताएं लिखती हूँ ,साथ ही मैंने कुछ कहानियाँ भी लिखी हैं । मेरी कविताओं को आप yourquots ऐप पर और कहानियों को STORYMIRROR ऐप पर पढ़ सकते हैं।
धन्यवाद
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