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शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

एक गीत : दीपावली पर

 एक गीत : दीपावली पर-2020


आज दीपावली की है पावन घड़ी

प्रेम का दीप जलता  रहे उम्र भर


दिल में खुशियाँ हैं,उल्लास है,प्यार है

रात भी रोशनी  से नहाई  हुई

और तारे गगन में परेशान हैं

 चाँद -सी कौन है,छत पे आई हुई ?


लौ लगी है तो बुझने न पाए कभी

मैं भी  रख्खूँ नज़र,तुम भी रखना नज़र


दीप महलों में या झोपड़ी में जले

एक सी रोशनी सबको मिलती सदा

एक दीपक जला कर रखो राह में

सब को मिलता रहे रोशनी का पता


हो अँधेरा जहाँ ,दीप रखना वहीं

हर गली मोड़ पर हर नगर हर डगर


द्वेष ,नफ़रत की दिल में लगी आग हो

तो जलाती रहेगी तुम्हे उम्र भर 

यह अँधेरा मिटेगा क्षमा प्यार से -

प्रीति की ज्योति दिल में जला लो अगर


प्रेम,करुणा, दया दिल में ज़िन्दा रहे

और चलता रहे रोशनी का सफ़र


 आज दीपावली की है पावन घड़ी, प्रेम का दीप जलता  रहे उम्र भर


-आनन्द.पाठक-




4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर।
    रूप-चतुर्दशी और धन्वन्तरि जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-11-2020) को   "गोवर्धन पूजा करो"   (चर्चा अंक- 3886 )     पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --   
    दीपावली से जुड़े पञ्च पर्वों की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

    जवाब देंहटाएं