चन्द माहिए --
:1:
जब तुम ने नहीं माना,
टूटे रिश्तों को
फिर क्या ढोते जाना!
:2:
इस दिल ने पुकारा है,
ख़ामोशी तेरी
मुझ को न गवारा है।
:3:
तुम तोड़ गए सपने,
ऐसा भी होगा
सोचा ही नहीं हमने!
:4:
जब तुम को छकाना था,
आँख मिचौली में
तुम से छुप जाना था।
5
हर रंग जो सच्चा है,
प्रीत मिला दें तो
सब रंग से अच्छा है।
-आनन्द.पाठक--
सभी माहिए बहुत सुन्दर रचे हैं आपने।
जवाब देंहटाएंजी धन्यवाद आप का
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं