चन्द माहिए
:1:
दुनिया को दिखाना क्या !
दिल न मिलाना तो,
फिर हाथ मिलाना क्या !
:2:
क्या तुम को ख़बर भी है ?
मेरे इस दिल में,
इक शौक़-ए-नज़र भी है ।
:3:
गुरबत में हो जब दिल,
दर्द कहूँ किस से ?
कहना भी है मुश्किल ।
:4;
अनबन हो भले जानम
तुम पे भरोसा है
रुठा न करो, हमदम !
5
कहता है कहने दो,
बातें ज़ाहिद की
ज़ाहिद तक रहने दो।
-आनन्द पाठक-
वाह।
जवाब देंहटाएंdhanyavaad aap ka
हटाएंबहुत सुन्दर माहिये।
जवाब देंहटाएंAABHAAR AAP KA
हटाएंSAADAR
Dahnyavaad -saadar
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