मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

ग़ज़ल (हर सू बीमारी नहीं तो)

हर सू बीमारी नहीं तो और क्या है दोस्तो,
ज़िंदगी भारी नहीं तो और क्या है दोस्तो।

रोग से रिश्वत के कोई अब नहीं महफ़ूज़ है,
ये महामारी नहीं तो और क्या है दोस्तो।

सर छुपाने को न छत है, लोग भूखे सो रहे,
मुफ़लिसी ज़ारी नहीं तो और क्या है दोस्तो।

नारियाँ अस्मत को बेचें, भीख बच्चे माँगते,
घोर बेकारी नहीं तो और क्या है दोस्तो।

रहनुमा जिनको बनाया दुह रहे जनता को वे,
उनकी बदकारी नहीं तो और क्या है दोस्तो। 

जो गया है बीत उसको भूल हम आगे बढ़ें,
ये समझदारी नहीं तो और क्या है दोस्तो।

जो वतन को भूल दुश्मन से मिलाये सुर 'नमन',
उनकी मक्कारी नहीं तो और क्या है दोस्तो।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया

2 टिप्‍पणियां: