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रविवार, 26 नवंबर 2017
चिड़िया: बूँद समाई सिंधु में !
चिड़िया: बूँद समाई सिंधु में !: प्रीत लगी सो लगि गई, अब ना फेरी जाय । बूँद समाई सिंधु में, अब ना हेरी जाय ।। हिय पैठी छवि ना मिटे, मिटा थकी दिन-रैन । निर्मोही के ...
लिखने से अधिक शौक पढ़ने का रहा। ब्लॉग जगत से परिचय होने के बाद अपनी स्वरचित रचनाओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से ब्लॉग बनाया।
'अब ना रुकूँगी', 'ओस की बूँदें' (साझा), 'तब गुलमोहर खिलता है' ये तीन कवितासंग्रह प्रकाशित।
सोमवार, 13 नवंबर 2017
चिड़िया: पुस्तक समीक्षा - "मन दर्पण"
चिड़िया: पुस्तक समीक्षा - "मन दर्पण": पुस्तक समीक्षा रचना – मन दर्पण. रचनाकार – माड़भूषि रंगराज अयंगर. प्रकाशक – बुक बजूका पब्लिकेशन्स, कानपुर. मूल्य – रु. 175 मात्र ...
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'अब ना रुकूँगी', 'ओस की बूँदें' (साझा), 'तब गुलमोहर खिलता है' ये तीन कवितासंग्रह प्रकाशित।
मंगलवार, 7 नवंबर 2017
चिड़िया: जब शरद आए !
चिड़िया: जब शरद आए !: ताल-तलैया खिलें कमल-कमलिनी मुदित मन किलोल करें हंस-हंसिनी ! कुसुम-कुसुम मधुलोभी मधुकर मँडराए, सुमनों से सजे सृष्टि,जब शरद आए !!! ...
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'अब ना रुकूँगी', 'ओस की बूँदें' (साझा), 'तब गुलमोहर खिलता है' ये तीन कवितासंग्रह प्रकाशित।
रविवार, 5 नवंबर 2017
चिड़िया: जीवन - घट रिसता जाए है...
चिड़िया: जीवन - घट रिसता जाए है...: जीवन-घट रिसता जाए है... काल गिने है क्षण-क्षण को, वह पल-पल लिखता जाए है... जीवन-घट रिसता जाए है । इस घट में ही कालकूट विष, अमृत है इस...
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'अब ना रुकूँगी', 'ओस की बूँदें' (साझा), 'तब गुलमोहर खिलता है' ये तीन कवितासंग्रह प्रकाशित।
गुरुवार, 2 नवंबर 2017
चिड़िया: आनंद की खोज
चिड़िया: आनंद की खोज: आनंद की खोज आओ साथी मिलकर खोजें, जीवन में आनंद को, क्रोध, ईर्ष्या, नफरत त्यागें पाएँ परमानंद को... जीवन की ये भागादौड़ी, लगी रही ह...
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