[डायरी के पन्नों से----]
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शनिवार, 28 नवंबर 2020
एक गीत : मेरी देहरी को ठुकरा कर जब---
बुधवार, 25 नवंबर 2020
एक व्यंग्य- साहित्यिक खोमचा
एक व्यंग्य :साहित्यिक खोमचा
शुक्रवार, 20 नवंबर 2020
चन्द माहिए
चन्द माहिए --
शुक्रवार, 13 नवंबर 2020
एक गीत : दीपावली पर
एक गीत : दीपावली पर-2020
आज दीपावली की है पावन घड़ी
प्रेम का दीप जलता रहे उम्र भर
दिल में खुशियाँ हैं,उल्लास है,प्यार है
रात भी रोशनी से नहाई हुई
और तारे गगन में परेशान हैं
चाँद -सी कौन है,छत पे आई हुई ?
लौ लगी है तो बुझने न पाए कभी
मैं भी रख्खूँ नज़र,तुम भी रखना नज़र
दीप महलों में या झोपड़ी में जले
एक सी रोशनी सबको मिलती सदा
एक दीपक जला कर रखो राह में
सब को मिलता रहे रोशनी का पता
हो अँधेरा जहाँ ,दीप रखना वहीं
हर गली मोड़ पर हर नगर हर डगर
द्वेष ,नफ़रत की दिल में लगी आग हो
तो जलाती रहेगी तुम्हे उम्र भर
यह अँधेरा मिटेगा क्षमा प्यार से -
प्रीति की ज्योति दिल में जला लो अगर
प्रेम,करुणा, दया दिल में ज़िन्दा रहे
और चलता रहे रोशनी का सफ़र
आज दीपावली की है पावन घड़ी, प्रेम का दीप जलता रहे उम्र भर
-आनन्द.पाठक-