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बुधवार, 16 दिसंबर 2020

चन्द् माहिए ---

 चन्द माहिए --


:1:

जब तुम ने नहीं माना,

टूटे रिश्तों को

फिर क्या ढोते जाना!


 :2:

इस दिल ने पुकारा है,

ख़ामोशी तेरी

मुझ को न गवारा है।


 :3:

तुम तोड़ गए सपने,

ऐसा भी होगा

सोचा ही नहीं हमने!


  :4:

जब तुम को छकाना था,

आँख मिचौली में

तुम से छुप जाना था।


5

हर रंग जो सच्चा है,

प्रीत मिला दें तो

सब रंग से अच्छा है।


-आनन्द.पाठक--

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