वीर शहीदों की कुर्बानी
याद रहे चिरकाल तक।
तिरंगे की अमर कहानी
गूँजे हर एक माथ तक।
आज राष्ट्रगान गूँजा है
भविष्य बस यशगान हो।
तिरंगे की तीन छटा -सा
समृद्धि ,प्रीति ,सम्मान हो।
गणतंत्र की हर सुबह में
एक संदेशा याद रहे।
कल भी पैदा होंगे भेदी
वह निर्बल असहाय रहें।
शीश तना खड़ा हो ऊपर
मानवता को झुक प्रणाम हो।
झंडे के समक्ष माथे पर हाथ
हर सैनिक को सलाम हो।
देश व विदेश में बसे हर एक भारतवासी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
पल्लवी गोयल
चित्र साभार गूगल
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएं72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (27-01-2021) को "गणतंत्रपर्व का हर्ष और विषाद" (चर्चा अंक-3959) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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इसकी गरिमा बनी रहे
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गुणगान।
जवाब देंहटाएंमन में आह्लाद भरता सुंदर सृजन।
राष्टभक्ति से आच्छादित आपका गीत बहुत ही मनोहारी है..
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