मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 25 नवंबर 2022

चन्द माहिए

 


चन्द माहिए


1

दिन भर का थका होगा,

कुछ न हुआ हासिल

दुनिया से ख़फ़ा  होगा।


2

अब लौट के है जाना,

एक भरम था जग,

उसको ही सच माना।


3

जब जाना है, बन्दे!

अब तो काट ज़रा,

माया के सब फन्दे।


तुम को न भरोसा है,

कोई है दिल में,

मिलने को रोता है।


5

इक मेरी मायूसी,

उस पर दुनिया की,

दिन भर कानाफ़ूसी।


-आनन्द.पाठक-


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें