संग्रहालय जगह होती है, जहां पर संस्कृति, परंपरा और ऐतिहासिक महत्व रखने वाली अतीत की स्मृतियों के अवशेषों और कलाकृतियों को सुरक्षित रखा जाता है, ताकि आने वाली पीढ़ी को पुरानी संस्कृति से जोड़ा जा सके. इसके लिए भारत समेत दुनियाभर में तमाम म्यूजियम बनाए गए हैं. इन संग्रहालय की महत्ता को समझाने के लिए हर साल 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है
देश का सबसे बड़ा म्यूजियम कोलकाता में है. इस संग्रहालय को भारतीय संग्रहालय के नाम से जाना जाता है. भारतीय संग्रहालय का पुराना नाम इंपीरियल म्यूजियम था, बाद में बदलकर इंडियन म्यूजियम कर दिया गया. जवाहरलाल स्ट्रीट पर स्थित इस म्यूजियम को छह खंडों में बनाया गया है.
इस म्यूजियम की स्थापना अंग्रेजों के समय में सन 1814 ई. में की गई थी. भारत की विरासत की रक्षा के लिए इसकी स्थापना एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल ने की थी और इसे नेथेलिन वैलीच की देख-रेख में बनाया गया था. विलियम जॉन्स ने इस संग्रहालय को बनवाने में अहम योगदान दिया था. इस म्यूजियम के बाद ही भारत में तमाम संग्रहालय बनने शुरू हुए.
इस संग्रहालय को छह खंडों आर्कियोलॉजी, एंथ्रोपोलॉजी, जियोलॉजी, जूलॉजी, इंडस्ट्री और आर्ट में बनाया गया है. एंथ्रोपोलॉजी सेक्शन में आप मोहनजोदड़ो और हड़प्पा काल की निशानियां देख सकते हैं. यहां चार हजार साल पुरानी मिस्र की ममी भी रखी है.
हिमाचल का राज्य संग्रहालय शिमला में एक पुरानी विक्टोरियन हेवली में बनाया गया है। यह हवेली कभी लॉर्ड विलियम बेरेस्फोर्ड का निवास स्थान हुआ करती थी, जो वायसराय लॉर्ड विलियम बेनटिक के सैन्य सचिव थे। ब्रिटिश साम्राज्य के चले जाने के बाद यह इमारत भारत के सरकारी अधिकारियों के निवास स्थान के रूप में इस्तेमाल की जाने लगी। 26 जनवरी 1974 को इस इमारत में शिमला स्टेट म्यूजिम का उद्घाटन हुआ।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की स्थापना 1977 में मॉस्को, रूस में ICOM महासभा के दौरान की गई थी। अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम दिवस18 मई को सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग और शांति के विकास के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में मनाने के लिए किया गया।
विवरण सभार
सुन्दर प्रस्तुति।
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