डायमांटे हीरे के लिए इतालवी शब्द है। यह 16 शब्द लंबी कविता है जिसका आकार हीरे के जैसा होता है। सर्व प्रथम यह कविता 1969 में एक अमेरिकन कवि 'आयरिश मैक्लान टायड' द्वारा प्रकाश में लायी गयी।
इस कविता के 16 शब्द सात पंक्तियों में सजाये जाते हैं। साथ ही शब्दों के भेद भी पूर्व निर्धारित हैं।
प्रथम और सातवीं पंक्ति - 1 शब्द (केवल संज्ञा शब्द)
दूसरी और छठी पंक्ति - 2 शब्द (केवल विशेषण शब्द)
तीसरी और पाँचवी पंक्ति - 3 शब्द (केवल क्रियायें)
चौथी पंक्ति - 4 शब्द (केवल संज्ञा शब्द)
डायमांटे कविता दो प्रकार की होती है।
(1) पर्याय डायमांटे (इसमें सातवीं पंक्ति का शब्द प्रथम पंक्ति के संज्ञा शब्द का पर्यायवाची शब्द होता है।)
(2) विलोम डायमांटे (इसमें सातवीं पंक्ति का शब्द प्रथम पंक्ति के संज्ञा शब्द का विलोम अर्थ देने वाला शब्द होता है।)
यदि कोई रचनाकार इस कविता का शीर्षक देना चाहता है तो वह प्रथम पंक्ति के शब्द को शीर्षक के रूप में भी प्रयोग कर सकता है।
अरुण (पर्याय डायमांटे कविता)
अरुण
प्रभापूर्ण, सुखकर
निकला, बढा, फैला
आकाश, दिन, प्रकाश, कोलाहल
चमकाता, जलाता, सताता
तेज, ज्वलंत
सूर्य
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पद्म (पर्याय डायमांटे कविता)
पद्म
कोमल, नीला
खिला, हँसा, महका
सरोवर, विष्णु, प्रातःकाल, पंखुड़ी
उपजता, निकलता, फैलता
सुखद, आभायुक्त
कमल
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धूप ( विलोम डायमांटे कविता)
धूप
प्रखर, कड़कती
तपाये, झुलसाये, सताये
पंखा, सूर्य, पेड़, ठण्डक
सिहराती, लुभाती, कँपाती
शीतल, सुहावनी
छाँव
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
28.03.24
वाह ! डायमांटे कविता के सुंदर उदाहरण ! काव्य की इस नयी विधा से परिचय कराने हेतु आभार
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