Laxmirangam: नन्हीं चिड़िया.: नन्हीं चिड़िया. बहुत अरसे बाद देखा , पिछले कुछ समय से बाग में एक नई चिड़िया , चीं - चीं, चूँ - चूँ करती फुदक रही है , फ...
नन्हीं चिड़िया.
नन्हीं चिड़िया.
बहुत अरसे बाद देखा,
पिछले कुछ समय से बाग में
एक नई चिड़िया ,
चीं - चीं, चूँ - चूँ करती
फुदक रही है,
फुनगी से फुनगी.
पता नहीं कब आई,
कहाँ से आई,
कब से फिरती है बाग में,
उड़ते - उड़ते राह में यहाँ रुक गई,
या बहक कर भटक कर
पहुँच गई यहाँ,
इतने दिनों से देखते - देखते
महसूस कर रहा हूँ कि
उसे यहाँ रहना अच्छा लग रहा है
उसे बाग रास आ रहा है,
भा रहा है,
पसंद आ रहा है,
शायद अब यहीं रहेगी ताउम्र या
जब तक चमन आबाद रहे ।
कुछ समय से दूर से देख ही रहा हूँ
आज देखा करीब से,
जब मेरे बिखेरे दाना चुगने आई,
छोटी सी चोंच लिए,
चीं- चीं, चूँ - चूँ करती,
और पक्षियों के संग,
फुदकती, यहाँ से वहाँ
दाना चुगती हुई,
बिखरे हुए भी और
मेरे हाथ पर के भी।
वह निर्भीक है,
वह डरती नहीं है,
मुझसे भी,
बैठ जाती है.
कभी कंधे पर तो
कभी हथेली पर।
जब हथेली पर दाना चुगती है,
तो कभी - कभी उसकी
छोटी नुकीली चोंच चुभती है,
इस चुभन में दर्द कम
पर मिठास ज्यादा है,
एक अजब सा एहसास है,
पता नहीं क्यों?
ऐसा आभास होता है कि
कुछ बकाया है,
विधि के लिखे
मेरे खाते के कुछ क्षण
पता नहीं पिछले या
किसी और जनम के,
जो उनके हिसाब से
बच गए थे शायद,
उन्हें ही देने आई है
ये नन्हीं फुदकती चिड़िया,
चूँ - चूँ, चीं - चीं करती हुई
ये नन्हीं फुदकती चिड़िया,
एक नई चिड़िया ,
मेरे बाग में।
मित्रों! आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
फ़ॉलोअर
शुक्रवार, 25 नवंबर 2016
Laxmirangam: नन्हीं चिड़िया.
Andhra born. mother toungue Telugu. writing language Hindi. Other languages known - Gujarati, Punjabi, Bengali, English.Published 8 books in Hindi and one in English.
Can manage with Kannada, Tamil, assamese, Marathi .
Published Eight books in Hindi containing Poetry, Short stories, Currect topics, Essays, analysis etc. All are available on www.Amazon.in/books with names Rangraj Iyengar & रंगराज अयंगर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें