चन्द माहिया : क़िस्त 52
1
जब जब घिरते बादल
प्यासी धरती क्यों
होने लगती पागल ?
:2:
भूले से कभी आते
मेरी दुनिया में
रिश्ता तो निभा जाते
:3:
कुछ मन की उलझन है
धुँधला है जब तक
यह मन का दरपन है
:4:
जब छोड़ के जाना था
क्यों आए थे तुम?
क्या दिल बहलाना था?
:5:
लगनी होती ,लगती
आग मुहब्बत की
ताउम्र नही बुझती
-आनन्द.पाठक-
1
जब जब घिरते बादल
प्यासी धरती क्यों
होने लगती पागल ?
:2:
भूले से कभी आते
मेरी दुनिया में
रिश्ता तो निभा जाते
:3:
कुछ मन की उलझन है
धुँधला है जब तक
यह मन का दरपन है
:4:
जब छोड़ के जाना था
क्यों आए थे तुम?
क्या दिल बहलाना था?
:5:
लगनी होती ,लगती
आग मुहब्बत की
ताउम्र नही बुझती
-आनन्द.पाठक-
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंji Dhanyvaad aap ka
जवाब देंहटाएंsaadar
ji Dhanyvaad aap kaa
जवाब देंहटाएं