चन्द माहिया
01
रंगोली आँगन की
देख रही राहें
छुप छुप कर साजन की
02
धोखा ही सही माना
अच्छा लगता है
तुम से धोखा खाना
03
औरों से रज़ामन्दी
महफ़िल में तेरी
मेरी ही ज़ुबाँबन्दी
04
माटी से बनाते हो
क्या मिलता है जब
माटी में मिलाते हो ?
05
सच,वो न नज़र आता
कोई है दिल में
जो राह दिखा जाता
-आनन्द.पाठक-
01
रंगोली आँगन की
देख रही राहें
छुप छुप कर साजन की
02
धोखा ही सही माना
अच्छा लगता है
तुम से धोखा खाना
03
औरों से रज़ामन्दी
महफ़िल में तेरी
मेरी ही ज़ुबाँबन्दी
04
माटी से बनाते हो
क्या मिलता है जब
माटी में मिलाते हो ?
05
सच,वो न नज़र आता
कोई है दिल में
जो राह दिखा जाता
-आनन्द.पाठक-
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंजी आप का धन्यवाद--सादर
हटाएंमैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही शानदार है।
जवाब देंहटाएंViral-Status.com
बहुत बहुत धयवाद आप का
जवाब देंहटाएंसादर