चन्द माहिया
01
कुछ याद तुम्हारी है
उस से ही दुनिया
आबाद हमारी है
02
जब तक कि सँभल पाता
राह-ए-उल्फ़त में
ठोकर हूँ नई खाता
03
लहराओ न यूँ आँचल
दिल का भरोसा क्या
हो जाए न फिर पागल
04
जीने का जरिया था
सूख गया वो भी
जो प्यार का दरिया था
05
गिरते न बिखरते हम
काश ! सफ़र में तुम
चलते जो साथ सनम
आनन्द.पाठक
01
कुछ याद तुम्हारी है
उस से ही दुनिया
आबाद हमारी है
02
जब तक कि सँभल पाता
राह-ए-उल्फ़त में
ठोकर हूँ नई खाता
03
लहराओ न यूँ आँचल
दिल का भरोसा क्या
हो जाए न फिर पागल
04
जीने का जरिया था
सूख गया वो भी
जो प्यार का दरिया था
05
गिरते न बिखरते हम
काश ! सफ़र में तुम
चलते जो साथ सनम
आनन्द.पाठक
मैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही शानदार है।
जवाब देंहटाएंViral-Status.com
जी शुक्रिया आप का
जवाब देंहटाएंसादर