मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 12 मई 2022

कुछ अनुभूतियाँ

 कुछ अनुभूतियाँ 


1

मेरे मन की इक दुनिया में

एक तुम्हारी भी दुनिया थी

आज वहाँ बस राख बची है

जहाँ कभी अपनी बगिया थी ।


2

सौ सौ जतन किए थे मैने

फिर भी रोक न पाया तुम को

आख़िर तुम ने वही किया जो

ग़ैरों ने समझाया तुम को ।


3

क्या तुम भी तारे गिनती हो

सूनी सूनी सी रातों में ?

जाओ तुम भी सो जाओ अब

क्यों उलझी हो उन बातों में ?


4

काल-चक्र को चलना ही है

कोई गिरता, उठता कोई ,

जीवन और मरण का सच है

कोई सोता, जगता कोई । 


-आनन्द.पाठक- 


1 टिप्पणी: