मुझसे मिलने
बदन में मेरे ...
सुनो ,
तुम उस रोज़
बस उस वक्त
तुम आ आना ......
जब ...
उग आए
उन दो नयनों में
प्यार को प्यासी
सौ सौ आंखें...
तुम आ जाना
तुम आ जाना
जब ...
उग आए
उन हाथों में
मुझे छूने को मचलती
कितनी ही
बेकरार उंगलियां...
तुम आ जाना
तुम आ जाना
जब ....
उग आए
उन होंठो से
कितने ही दहकते
अंगारे...
बुझने मेरे ही पानी में
तुम आ जाना
तुम आ जाना
जब ...
उग आए
एक महक
नशीली रातों में ...
कोई कसक रिसे
जब आहों से...
तुम आ जाना
तुम आ जाना
जब ...
जग जाए
रोम रोम में कामना
रति की रातों की
तुम आ जाना
मैं यहीं मिलूंगी
तुझमें खिलूंगी
तुझमें ढलूंगी
....
हां ...
तुम आ जाना ...
सुनो....
तुम आ जाना
~ Sandhya Prasad
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंआभार ओमकार जी
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