चन्द माहिए
[ 15-अगस्त पर ]
1
यह पर्व है जन-जन का,
करना है अर्पण,
अपने तन-मन-धन का।
2
सौ बार नमन मेरा,
वीर शहीदों को,
जिनसे है चमन मेरा।
3
हासिल है आज़ादी,
रंग तिरंगे का,
क्यों आज है फ़रियादी?
4
जब तक सीने में दम,
झुकने मत देना,
भारत का यह परचम।
5
इस ध्वज का मान रहे,
लहराए नभ में,
भारत की शान रहे।
-आनन्द.पाठक-
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार 15 अगस्त, 2022 को "स्वतन्तन्त्रा दिवस का अमृत महोत्सव" (चर्चा अंक-4522)
जवाब देंहटाएंपर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ही सुन्दर रचना जय हिन्द
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