:1:
दीवार उठाते हो
तनहा जब होते
फिर क्यूँ घबराते हो
:2:
इतना भी सताना क्या
दम ही निकल जाए
फिर बाद में आना क्या
:3;
ये हुस्न ये रानाई
तड़पेगी यूं ही
गर हो न पज़ीराई
:4:
दुनिया के जो हैं ग़म
इश्क़ में ढल जाए
बदलेगा तब मौसम
;5;
क्या हाल बताना है
तेरे फ़साने में
मेरा भी फ़साना है
-आनन्द.पाठक-
09413395592
शब्दार्थ
रानाई = सौन्दर्य
पज़ीराई= प्रशंसा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें