हर पल
कहता है कुछ
फुसफुसा कर
मेरे कानों में
मैं जा रहा हूँ
जी लो मुझे
चला गया तो
फिर लौट न पाऊंगा
बन जाऊंगा इतिहास
करोगे मुझे याद
मेरी याद में
कर दोगे फिर एक पल बर्बाद
इसलिए हर पल को जियो
उठो सीखो जीना
अतीत के लिए क्या रोना
भविष्य से क्या डरना
यह जो पल वर्तमान है
है वही परम सत्य
बाकी सब असत्य
यही कहता है हर पल
फुसफुसा कर मेरे कानों में ।
कहता है कुछ
फुसफुसा कर
मेरे कानों में
मैं जा रहा हूँ
जी लो मुझे
चला गया तो
फिर लौट न पाऊंगा
बन जाऊंगा इतिहास
करोगे मुझे याद
मेरी याद में
कर दोगे फिर एक पल बर्बाद
इसलिए हर पल को जियो
उठो सीखो जीना
अतीत के लिए क्या रोना
भविष्य से क्या डरना
यह जो पल वर्तमान है
है वही परम सत्य
बाकी सब असत्य
यही कहता है हर पल
फुसफुसा कर मेरे कानों में ।
अभिलाषा चौहान
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका 🙏
हटाएंVery nyc poem... really awesome.... if you want to read business and personality related articles visit chandeldiary.blogspot.com
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका अवश्य
हटाएंसादर आभार आपका आदरणीय सर चर्चामंच पर मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन श्रद्धांजलि - जसदेव सिंह जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार हर्षवर्धन जी मेरी रचना का चयन
जवाब देंहटाएंकरने के लिए 🙏
सादर आभार आपका 🙏
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