चन्द माहिए
:1:
हर साँस अमानत है,
जितनी भी हासिल,
उनकी ही इनायत है ।
:2:
सब ज़ेर-ए-नज़र उनकी,
कौन छुपा उन से ?
उन को है ख़बर सबकी ।
:3:
कब मैने सोचा था.
टूट गया वो भी
जो तुम पे भरोसा
था ।
:4:
इतना जो मिटाया
है,
और मिटा देते
दम लब पर आया है
।
5
आँखों में
शरमाना,
कुछ तो है दिल
में,
रह रह कर घबराना।
-आनन्द.पाठक-
ज़ेर-ए-नज़र उनकी= उनकी निगाह में
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