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शुक्रवार, 3 सितंबर 2021

चन्द माहिए

 

 

चन्द माहिए

 

 :1:

हर साँस अमानत है,

जितनी भी हासिल,

उनकी ही इनायत है ।

 

:2:

सब ज़ेर--नज़र उनकी,

कौन छुपा उन से ?

उन को है ख़बर सबकी ।

 

 :3:

कब मैने सोचा था.

टूट गया वो भी

जो तुम पे भरोसा था ।

 

 :4:

इतना जो मिटाया है,

और मिटा देते

दम लब पर आया है ।

 

5

आँखों में शरमाना,

कुछ तो है दिल में,

रह रह कर घबराना।

 

-आनन्द.पाठक-

 

ज़ेर-ए-नज़र उनकी= उनकी निगाह में

 

 

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