कभी वक्त मिले तो,
बतलाना तुम
सुदूर क्षितिज पे
आ जाना तुम...
वहां चांद की रंगत
पीली होगी
और फलक की चादर
कुछ नीली होगी
जब रात ढले
और सुबह चले
धूप को उबटन
लगाना तुम
आ जाना तुम
वहां ओस भी
कुछ कुछ गीली होगी
और हवा भी कुछ कुछ
सीली होगी
सावन मचले
और बारिश छलके
धूप लिबास पे
बूंदों की बटन
लगाना तुम
आ जाना तुम
फूलों की छटा
रंगीली होगी
खुशबू खुशबू
नशीली होगी
जब इंद्रायुध दमके
और सुर खनके
उस वक्त औ' राह पे
इश्क़ की अलख
जगाना तुम
आ जाना तुम !!
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