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सोमवार, 30 अगस्त 2021

इश्क की अलख जगाना तुम

 कभी वक्त मिले तो,

बतलाना तुम

सुदूर क्षितिज पे

आ जाना तुम...


वहां चांद की रंगत

पीली होगी

और फलक की चादर 

कुछ नीली होगी 

जब रात ढले

और सुबह चले 

धूप  को उबटन

 लगाना तुम 

 आ जाना तुम 


वहां ओस भी 

कुछ कुछ गीली होगी 

और हवा भी कुछ कुछ

सीली होगी 

सावन मचले 

और बारिश छलके 

धूप लिबास पे

बूंदों की बटन 

लगाना तुम 

आ जाना तुम 



फूलों की छटा 

रंगीली होगी 

खुशबू खुशबू 

नशीली  होगी 

जब इंद्रायुध दमके

और सुर खनके

उस वक्त औ' राह पे

इश्क़ की अलख 

जगाना  तुम 

आ जाना तुम !!



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