सुनो
अपने गुलशन से
थोड़ी ख़िजा
या थोड़ी सी
बहार दे दो न
थोड़े सपने,
थोड़े अपने,
अपनी गुल्लक से मुझे
थोड़ा सा
उधार दे दो न
चातक सही
पपीहा सही
थोड़ा मेघ
थोड़ा मल्हार दे दो न
खुश हो जाऊंगी
तुम्हें देखकर..
पानी में सही
मेरे चांद,
थाली में दीदार दे दो न
#sandhya rathore
बहुत सुंदर सृजन
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