बिल्ली रानी आवत जान।
चूहा भागा ले कर प्रान।।
आगे पाया साँप विशाल।
चूहे का जो काल कराल।।
नन्हा चूहा हिम्मत राख।
जल्दी कूदा ऊपर शाख।।
बेचारे का दारुण भाग।
शाखा पे बैठा इक काग।।
पत्तों का डाली पर झुण्ड।
जा बैठा ले भीतर मुण्ड।।
कौव्वा बोले काँव कठोर।
चूँ चूँ से दे उत्तर जोर।।
ये है गाथा केवल एक।
देती शिक्षा पावन नेक।।
बच्चों हारो हिम्मत नाय।
लाखों चाहे संकट आय।।
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वर्ष छंद विधान -
"माताजा" नौ वर्ण सजाय।
प्यारी छंदा 'वर्ष' लुभाय।।
"माताजा" = मगण तगण जगण
222 221 121 = 9 वर्ण
चार चरण दो दो समतुकांत।
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
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