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शनिवार, 6 अगस्त 2022

15-अगस्त पर एक गीत

 स्वतन्त्रता के  पर अमृत महोत्सव पर और घर घर तिरंगा अभियान पर----

एक गीत -15 अगस्त पर-   हर घर पर लहराए तिरंगा------



भारत माँ की शान तिरंगा, घर घर पर लहराए

विश्व शान्ति ,बलिदान त्याग का नव संदेश सुनाए


’जन-मन-गण ’का प्रान तिरंगा

हम सब की पहचान तिरंगा

प्राण निछावर करने वालों-

का करता सम्मान  तिरंगा


हिमगिरि से भी ऊँची जिसकी कीर्ति-पताका जग में

’सत्यमेव जयते’- का निश दिन मंत्र सदा दुहराए 


इस झंडे के तले लड़े हम

चट्टानों-सा  रहे खड़े हम

सत्य, अहिंसा, आदर्शों पर

नैतिकता पर रहे अड़े हम


 इस झंडे का मान रखें, संकल्प यही करना है

आँच न इस पर आने पाए ,प्राण भले ही जाए


वीरों ने हुंकार भरा जब

दुश्मन का दिल सदा डरा तब

आगे आगे ध्वजा हमारी

फिर पीछे जयघोष किए सब


इस झंडे की मर्यादा की, आन-बान की खातिर

हँसते हँसते वीर शहीदों ने हैं प्राण गँवाए


गाँधी जी का त्याग भी देखा

           ’जलियाँवाला बाग’ भी देखा

           लाल रंग से रहे खेलते -

          वीरों का वह फाग भी देखा

    

 वीरॊं के बलिदानों का यह देता सदा गवाही

अमर रहे यह झंडा मेरा, कभी न झुकने पाए


केसरिया रंग त्याग सिखाता

श्वेत- शान्ति का अनुपम नाता

हरा रंग मानो भारत की

समृद्धि का गीत सुनाता


तीन रंग से बना तिरंगा मेरा झंडा न्यारा

मानवता का पाठ पढ़ाए, नई राह दिखलाए


भारत माँ की शान तिरंगा हर घर पर लहराए  


-आनन्द.पाठक-

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