कुछ अनुभूतियाँ
1
अगर तुम्हे लगता हो ऐसा
साथ छोड़ना ही अच्छा है
जिसमे खुशी तुम्हारी, प्रियतम!
इसमे मुझको क्या कहना है
2
जा ही रहे हो लेते जाना
टूटा दिल यह, सपने सारे
क्या करना अब उन वादों का
तड़पाएँगे साँझ-सकारे ।
3
छोड़ गई तुम ख़ुशी तुम्हारी
लेकिन याद तुम्हारी बाक़ी
तुम्हें मुबारक नई ज़िंदगी
रहने दो मुझको एकाकी
4
जहाँ रहो तुम, ख़ुश रहना तुम
खुल कर जीना हँसते गाते
अगर कभी कुछ वक़्त मिले तो
मिलते रहना आते-जाते
-आनन्द.पाठक-
बहुत सुन्दर सृजन
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