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गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

दृष्टिकोण

'दृष्टि' यह शब्द गूढार्थ लिए हुए हैं।दृष्टि से ही दृष्टिकोण बनता है। आप जैसे दृष्टि अपनाएंगे उसी के अनुरूप आपका दृष्टिकोण बनेगा। दृष्टि के द्वारा भी ऊर्जा प्रवाहित होते हैं। आपकी दृष्टि भी दूसरों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। उसी प्रकार आप पर भी दूसरों की दृष्टि का प्रभाव पड़ता है। इसलिए दूसरों के प्रति अनुकूल दृष्टि रखें जिससे सकारात्मक दृष्टिकोण का निर्माण हो सके और वह ऊर्जा आपके चारो ओर इतनी प्रबल रूप से फैली रहे कि किसी अन्य की बुरी दृष्टि आपको प्रभावित न कर सके।🙏🙏🙏

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