नए वर्ष की प्रथम प्रस्तुति.....
चन्द माहिया : क़िस्त 26
:1:
बस इतना तो कर माहिया
आ के चुपके से
कर दिल में घर माहिया
:2:
साँसो का बन्धन है
टूटेगा कैसे ?
रिश्ता जो पावन है
:3:
दिल और धड़कने दो
रुख पे है पर्दा
कुछ और सरकने दो
:4:
कुछ अपनी आदत है
हुस्न परस्ती में
कुछ रंग-ए-इबादत है
:5:
आती है सदा फिर भी
लाख ख़फ़ा हो तुम
रहती है वफ़ा फिर भी
-आनन्द.पाठक-
09413395592
चन्द माहिया : क़िस्त 26
:1:
बस इतना तो कर माहिया
आ के चुपके से
कर दिल में घर माहिया
:2:
साँसो का बन्धन है
टूटेगा कैसे ?
रिश्ता जो पावन है
:3:
दिल और धड़कने दो
रुख पे है पर्दा
कुछ और सरकने दो
:4:
कुछ अपनी आदत है
हुस्न परस्ती में
कुछ रंग-ए-इबादत है
:5:
आती है सदा फिर भी
लाख ख़फ़ा हो तुम
रहती है वफ़ा फिर भी
-आनन्द.पाठक-
09413395592
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