साथ तुम्हारा
कल तक जो किनारे थे,
अब सहारे बन गए है |
विरान थी दुनिया मेरी,
अब खुशियों के नजारे बन गए हैं
जमाने में तुम्हारा साथ क्या मिला,
पराए भी हमारे बन गए है |
वक्त की धुप में ,सूखने लगी है,
अब गम की चादर ,
दुख भी अब सहारे बन गए हैं |
विरह मे छलके थे कभी जो आँसू ,
अब मिलन मोती बन गए हैं |
जमाने में तुम्हारा साथ क्या मिला,
पराए भी हमारे बन गए हैं |
जी. एस. परमार
नीमच
9179236750
कल तक जो किनारे थे,
अब सहारे बन गए है |
विरान थी दुनिया मेरी,
अब खुशियों के नजारे बन गए हैं
जमाने में तुम्हारा साथ क्या मिला,
पराए भी हमारे बन गए है |
वक्त की धुप में ,सूखने लगी है,
अब गम की चादर ,
दुख भी अब सहारे बन गए हैं |
विरह मे छलके थे कभी जो आँसू ,
अब मिलन मोती बन गए हैं |
जमाने में तुम्हारा साथ क्या मिला,
पराए भी हमारे बन गए हैं |
जी. एस. परमार
नीमच
9179236750
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