कितना खूबसूरत होता है
ऐसे तन्हा होना
समुंदर की धड़कनों संग
जागना सोना
रात से तेरे सायों में
कभी कभी जुगनू होना
चांदनी रातों में
चांद सा मुझसे रूबरू होना
जागती आंखों का
खूबसूरत कोई सपना होना
मेरी एक ही ख्वाहिश है
तुझसा कोई अपना होना
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आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (18-06-2022) को चर्चा मंच "अमलतास के झूमर" (चर्चा अंक 4464) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
कुछ सपने वाकई हसीन लगते हैं सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंछोटी छोटी रोजमर्रा की छोटी खुशियां भी कितनी बड़ी होती है।
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन।