चन्द माहिए-
1
जब जब घिरते बादल,
प्यासी धरती क्यों,
होने लगती पागल ?
:2:
भूले से कभी आते,
मेरी दुनिया में,
वादा तो निभा जाते।
:3:
इस मन में उलझन है,
धुँधला है जब तक,
यह मन का दरपन है।
:4:
जब छोड़ के जाना था,
फिर क्यों आए थे ?
क्या दिल बहलाना था ?
5
अब और कहाँ जाना,
तेरी आँखों का
यह छोड़ के मयखाना।
-आनन्द.पाठक-
वाह गहन सुंदर महिये !!
जवाब देंहटाएंवाह गहन सुंदर माहिये
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर माहिये।