...
हो रहे जो हादसे
ये बात कुछ तो ज़रूर है,
आदमी जो आम है
वो हर तरह बे-कसूर है |
कर रहे
बदनामियाँ बिन फिर अदालत फैसला,
शख्स जिनपर हो
सज़ा इस हादसे से दूर है |
बस्तियों में जल
रहे हैं कागजों के वो मकां ,
दर्द अब जिसपे
लिखा वो आदमी बे-कसूर है |
खो चुका वो अब
भरोसा क्या खुदा औ नाखुदा
शख्स अब भी चुप
खड़ा उसे हर सज़ा मंजूर है |
झूठ के पैबंद
लगे हैं ‘हर्ष’ अब पोशाक पर
आदमी जिसपे लगें
वो आदमी मशहूर है |
हर्ष महाजन
http://harashmahajan.blogspot.in/2009/04/ho-rahe-jo-haadse-yun-baat-kuchh-toh.html
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