क़ता
तेरी शख़्सियत का मैं इक आईना हूँ
तो फिर क्यूँ अजब सी लगी ज़िन्दगी है
नहीं प्यास मेरी बुझी है अभी तक
अज़ल से लबों पर वही तिश्नगी है
-आनन्द.पाठक-
09413395592
[अज़ल से = अनादि काल से]
तेरी शख़्सियत का मैं इक आईना हूँ
तो फिर क्यूँ अजब सी लगी ज़िन्दगी है
नहीं प्यास मेरी बुझी है अभी तक
अज़ल से लबों पर वही तिश्नगी है
-आनन्द.पाठक-
09413395592
[अज़ल से = अनादि काल से]
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