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रविवार, 13 फ़रवरी 2022

Kiss Day

 मेरे होंठों को 

तेरे होंठों से , सुन ना,

कुछ तो है कहना 

कहने भी दे ना


लिखेंगी सांसें  

कुछ किस्से कहानी

पढ़ेंगी आंखें

 देहों की ज़ुबानी

बदन पे तुम्हारे 

लम्सो की कहानी

युगों से है  लिखना 

लिखने भी दो न 



महकी मैं खुशबू 

संदली कुछ रूमानी 

दरिया हुआ तू

मैं हुई जैसे पानी

लहू  की रवानी

बदन में तुम्हारे 

जब तक न हो जाऊं फानी

है तुममें है बहना 

बहने भी दो न 











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