वीरान रात सी वीरान ज़िन्दगी
सपने भी तो वीरान से हैंअब तो नये हालात बनें
तुम आ जाओ तो बात बने ।
तन्हा चाँद है, तन्हा दिल है
मैं भी तो तन्हा सा हूँ
अब तो कोई साथ बने
तुम आ जाओ तो बात बने।
दूर है मंजिल, दूर हो तुम भी
खुशियाँ भी तो दूर ही हैं
अब तो एक मुलाकात बने
तुम आ जाओ तो बात बने।
ठण्डी साँसें, ठण्डी आँहें
रिश्ते भी ठंडे से हैं
अब तो गरम ज़ज्बात बने
तुम आ जाओ तो बात बने।
खुश थीं आँखें, खुश थीं बाहें
हम दोनों भी खुश से थे
फिर से वही शुरुआत बने
तुम आ जाओ तो बात बने।
वाह...बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए आभार!
वाह....
जवाब देंहटाएंक्या बात है....
खूब कही आपने....
सोचती हूँ चोरी कर लूँ
पर क्यों ये आखिर है ते मेरे पास ही
सादर