:01:
जो याद तुम्हारी है
उन से ही दुनिया
आबाद हमारी है
;02:
जब तक कि सँभल पाता
राह-ए-उल्फ़त में
ठोकर हूँ नई खाता
:03:
लहराओ न यूँ आँचल
दिल तो दिल ही है
हो जाय न फिर पागल
;04:
जीने का ज़रिया था
सूख गया वो भी
जो प्यार का दरिया था
:05:
गिरते न फिसलते हम
काश ! सफ़र में तुम
चलते जो साथ सनम
-आनन्द.पाठक
09413395592
बहुत खूबसूरत माहिया रचे हैं आपने।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्यारे प्यारे माहिया।
जवाब देंहटाएंउम्दा हैं |
जवाब देंहटाएंखूबसूरत माहिया
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