चन्द माहिया : क़िस्त 09
:01:
दुनिया के ताने क्यूँ
प्यार अगर सच है
मिलने में बहाने क्यूँ
:02:
जीवन भी मधुवन हो
साँसों में राधा
मन में मनमोहन हो
;03:
सौ बार कहा हमने
भूल हमें जाना
कब बात सुनी तुमने
:04:
जुम्बिश जो लबों पर है
कहना है कह दो
किस बात का अब डर है
:05:
मुश्किल से मिली हो तुम
बाँहों में आ कर
हो जाती क्यों गुमसुम
-आनन्द.पाठक
09413395592
:01:
दुनिया के ताने क्यूँ
प्यार अगर सच है
मिलने में बहाने क्यूँ
:02:
जीवन भी मधुवन हो
साँसों में राधा
मन में मनमोहन हो
;03:
सौ बार कहा हमने
भूल हमें जाना
कब बात सुनी तुमने
:04:
जुम्बिश जो लबों पर है
कहना है कह दो
किस बात का अब डर है
:05:
मुश्किल से मिली हो तुम
बाँहों में आ कर
हो जाती क्यों गुमसुम
-आनन्द.पाठक
09413395592
वाह बहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंआ० रविकर जी/कुलदीप जी/जोशी जी
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
सादर
-आनन्द.पाठक
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंसुन्दर ...क्या बात है आनंद जी ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुन्दर और प्रभावी...
जवाब देंहटाएंआ0प्रतिभा जी/श्याम गुप्ता जीे/यशवन्त जी/कैलाश शर्मा जी
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
सादर
-आनन्द.पाठक-
09413395592