शीतलता बढ़ गई पवन में।
कुहरा छाया नील गगन में।। |
चारों ओर अन्धेरा छाया, सूरज नभ में है शर्माया, पंछी बैठे ठिठुर रहे हैं, देख रहे हैं घर-आँगन में।
कुहरा छाया नील गगन में।।
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वाहन की गति हुई मन्द है, चहल-पहल हो गई बन्द है, शीतल धुआँ नजर आता है, ऊनी कपड़े लदे बदन में।
कुहरा छाया नील गगन में।।
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सचमुच फ़िजा में ठंढ बढ़ गयी है,बहुत बढियाँ
जवाब देंहटाएंबिल्कुल।
जवाब देंहटाएंसुंदर।
जवाब देंहटाएंठंडो रे ठंडो के दिन आ गयी ....
बढ़िया प्रस्तुति