मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

जो नही पूछे वह स्थायी मूर्ख—पथिकअनजाना-532 वीं पोस्ट



जो नही पूछे वह स्थायी मूर्ख—पथिकअनजाना-532 वीं पोस्ट
युगों के विद्धानों की एक स्थायी मान्यता मेरी समझ से बहुत दूर हैं
जो पूछता वह तत्कालिक मूर्ख जो नही पूछे वह स्थायी मूर्ख होता हैं
मेरे अनुत्तरित प्रश्न  ईश्वरीय न्याय उपासना कर्मफल क्षेत्र  से हैं
सहपथगामी लकीर के फकीर अतार्किक राह चलने वाले बुद्धिमान हैं
मुझे मेरे प्रश्नाधार पर मूर्ख असभ्य उपहासनीय उपाधि दे जाते  हैं
जन्मा एक हल विद्धानों की मान्यता माननीय चुनौतीहीन होती हैं
यह मूर्खों की टोलियों के सरगनाओं की गीदड भभकी हैंया अज्ञानता
क्या करेंगें हम आप चूकिं इस वक्त मूर्खों की किस्मत चमकी है
गर चाहू कुछ पूछना मैं खुदा से तो बुजर्गान बिठाते दे धमकी हैं
तर्क न करे मानव चूंकि खुदाई चापलूसी हर सांस में धडकी हैं
सवाल या तर्क आपके व्यर्थ कहानियाँ खुदा की बहुत मशहूर हैं
युगों से -------
पथिक अनजाना


1 टिप्पणी: