जिसका प्रेम प्रत्येक छण !
कलेंडर से जल्दी बदलता है,
और समय से भी तेज चलता है !!
औरत (संसार की सबसे रहस्यमय प्रजाती),
को देखते ही प्रेम में पड़ जाता है !
और फिर जनसंख्या और महंगाई,
से भी तेज बढता जाता है !!
पहले ही दिन अट्रैक्सन होता है,
फिर कनेक्सन होता है !
दूसरे ही दिन कन्वेंसन होता है,
और अंत में इस प्रेम नामक दवा,
की एक्सपायरी डेट ख़त्म हो जाती है !!
और फिर मनुष्य (मोबाईल फोन),
से औरत नामक सीम निकाल दी जाती है !
और फिर सस्ती, टिकाऊ और सुन्दर ऑफर,
वाले सिम (महिला) की तलाश शुरू हो जाती है !!
और कभी - कभी तो यह,
'शादी' नामक ज्वार तक पहुँच जाती है !
और फिर 'तलाक' नामक भाटा पर,
आकर ख़त्म होती है !!
http://hindikavitamanch.blogspot.in/
मेरी रचना " नारी (एक बेबसी)" जो मेरे ब्लॉग "कविता संग्रह" पर पोस्ट है और जिसका लिंक है - http://rishabhpoem.blogspot.in/
जवाब देंहटाएं१३ अप्रैल को यह रचना " नयी पुरानी हलचल '' पर प्रकाशित की जाएगी. आप सभी से अनुरोध है की आप सभी वह जाकर मेरी रचना को पढ़े और अपने विचार व्यक्त करें.
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in/
आपका ब्लॉग मुझे बहुत अच्छा लगा. मेरे हिंदी और अंग्रेजी में दो ब्लॉग हैं. एक मोटीवेशनल तथा दूसरा शिक्षा पर केन्द्रित है. कृपया मेरे ब्लॉग पर भी आये और मेरा मार्गदर्शन करें.
जवाब देंहटाएंhttps://shilpabhabhi.blogspot.in/