:1:
ख़ुद से कुछ कहता है
तनहाई में दिल
क्या बातें करता है ?
:2:
इक दिन तो हमें जाना
आज नहीं तो कल
फिर लौट के कब आना
:3:
तुमको नहीं आना है
आस रही फिर भी
जीने का बहाना है
:4:
कुछ दर्द हैं जीवन के
कह देते हैं सब
दो आँसू विरहन के
:5:
ख़ंज़र से न गोली से
नफ़रत मर जाती
इक प्यार की बोली से
-आनन्द.पाठक-
09413395592
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (21-08-2014) को "लेखक बनाने की मशीन" (चर्चा मंच 1712) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
खम्जर से ना गोली से,नफरत मर जाती है प्यार की बोली से---
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा पढ कर.
आ0 शास्त्री जी/मन के मनके जी[कोई नाम होता तो अच्छा होता]
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
सादर