Sonia alleged that incidents of communal clashes increased during the tenure of Modi government.
दंगों का हवा महल
लोकसभा २०१४ चुनावों में परिणाम आने से पहले राहुल गांधी ने एक भविष्यवाणी की थी कि यदि नरेंद्र मोदी प्रधानमन्त्री बनते हैं तो इतने व्यक्ति दंगों में मारे जाएंगे। वो संख्या हज़ारों में थी और निश्चित थी। ये बड़ी अजीब बात है कि राहुल गांधी ने ऐसी निश्चित संख्या घोषित की थी जैसे ये सारा काम उन्होंने अपने हाथों से करना था। कोई और देश होता तो उससे पुलिस ये पूछती कि दंगे होने और उसमें एक निश्चित संख्या में लोगों के मारे जाने की यह आकाशवाणी आपको कैसे सुनाई दी, और इस सबकी जानकारी का प्रामाणिक स्रोत क्या है ?
क्योंकि किसी पूर्व शासक दल के महामंत्री का ऐसा कहना और राजनीतिक रूप में भविष्यवाणी करना जांच का विषय होना चाहिए। लोगों की तो यही इच्छा है कि ये मामला किसी सक्षम सरकारी एजेंसी को जांच के लिए सौंप दिया जाए। लोगों की इस आवाज़ को सरकार तो जब सुनेगी ,तब सुनेगी पर उस भविष्यवाणी को सही करने की जिम्मेवारी श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने कंधों पर उठा ली है। हो सकता है यह उनका मातृत्व वात्सल्य हो। वो ये तो नहीं कह सकतीं कि राहुल गांधी ने निरर्थक बात की थी इसलिए श्रीमती सोनिया ने ये प्रचार करना शुरू कर दिया है कि पिछले ११ सप्ताह से देश में साम्प्रदायिक दंगें हो रहे हैं। दंगे अपने में कोई सूक्ष्म जीवाणु तो नहीं होते या सूक्ष्म जगत के क्रिया व्यापार नहीं होते कि दिखाई न दें। जब इसका एहसास श्रीमती सोनिया को हुआ तो पत्रकारों की तसल्ली के लिए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के साथ अन्य प्रदेश शब्द का भी प्रयोग किया। पत्रकार पूछते इससे पहले ही वह चली गईं। पर क्या श्रीमती सोनिया बतलायेंगी कि महाराष्ट्र में किसकी सरकार है ?और लोगों की ये धारणा भी है कि श्रीमती सोनिया गांधी की इज़ाज़त के बिना कांग्रेस में पत्ता भी नहीं हिलता। तो क्या कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने श्रीमती सोनिया का आशीर्वाद पाकर ये सब होने दिया। किसी भाजपा शासित प्रदेश में इस अवधि में (गत ११ सप्ताह की वह अवधि जिसकाश्रीमती सोनिया ने ज़िक्र किया है )दंगें नहीं हुए हैं। उत्तरप्रदेश के सर्वेसर्वा श्री मुलायम सिंह यादव तो श्रीमती सोनिया के अन्यतम समर्थक हैं। लोग ये भी जानना चाहेंगे कि श्रीमती सोनिया द्वारा पोषित और समर्थित राज्य में यदि दंगे हो रहे हैं तो ये सोनिया गांधी से क्यों न पूछा जाए कि ये सब क्यों हो रहा है।
दरअसल एक माँ के नाते श्रीमती सोनिया इस उलझन में फंस गईं हैं कि अपने पुत्र राहुल गांधी द्वारा कही गई बात का औचित्य ढूंढ रही हैं। बेहतर तो यही होता कि वे साफ़ इस बात को मान लेतीं कि राहुल गांधी द्वारा कही गई बात का कोई सिर पैर नहीं है। बस बालकपन में उन्होंने ये बात कह दी है। ऐसा मान लेने से भारतीय समाज में श्रीमती सोनिया की प्रतिष्ठा बढ़ती। बशर्ते कि उनके सलाहकारों को ये सब कुछ हज़म होता।
BJP dismisses Sonia's communal violence barb
दंगों का हवा महल
लोकसभा २०१४ चुनावों में परिणाम आने से पहले राहुल गांधी ने एक भविष्यवाणी की थी कि यदि नरेंद्र मोदी प्रधानमन्त्री बनते हैं तो इतने व्यक्ति दंगों में मारे जाएंगे। वो संख्या हज़ारों में थी और निश्चित थी। ये बड़ी अजीब बात है कि राहुल गांधी ने ऐसी निश्चित संख्या घोषित की थी जैसे ये सारा काम उन्होंने अपने हाथों से करना था। कोई और देश होता तो उससे पुलिस ये पूछती कि दंगे होने और उसमें एक निश्चित संख्या में लोगों के मारे जाने की यह आकाशवाणी आपको कैसे सुनाई दी, और इस सबकी जानकारी का प्रामाणिक स्रोत क्या है ?
क्योंकि किसी पूर्व शासक दल के महामंत्री का ऐसा कहना और राजनीतिक रूप में भविष्यवाणी करना जांच का विषय होना चाहिए। लोगों की तो यही इच्छा है कि ये मामला किसी सक्षम सरकारी एजेंसी को जांच के लिए सौंप दिया जाए। लोगों की इस आवाज़ को सरकार तो जब सुनेगी ,तब सुनेगी पर उस भविष्यवाणी को सही करने की जिम्मेवारी श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने कंधों पर उठा ली है। हो सकता है यह उनका मातृत्व वात्सल्य हो। वो ये तो नहीं कह सकतीं कि राहुल गांधी ने निरर्थक बात की थी इसलिए श्रीमती सोनिया ने ये प्रचार करना शुरू कर दिया है कि पिछले ११ सप्ताह से देश में साम्प्रदायिक दंगें हो रहे हैं। दंगे अपने में कोई सूक्ष्म जीवाणु तो नहीं होते या सूक्ष्म जगत के क्रिया व्यापार नहीं होते कि दिखाई न दें। जब इसका एहसास श्रीमती सोनिया को हुआ तो पत्रकारों की तसल्ली के लिए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के साथ अन्य प्रदेश शब्द का भी प्रयोग किया। पत्रकार पूछते इससे पहले ही वह चली गईं। पर क्या श्रीमती सोनिया बतलायेंगी कि महाराष्ट्र में किसकी सरकार है ?और लोगों की ये धारणा भी है कि श्रीमती सोनिया गांधी की इज़ाज़त के बिना कांग्रेस में पत्ता भी नहीं हिलता। तो क्या कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने श्रीमती सोनिया का आशीर्वाद पाकर ये सब होने दिया। किसी भाजपा शासित प्रदेश में इस अवधि में (गत ११ सप्ताह की वह अवधि जिसकाश्रीमती सोनिया ने ज़िक्र किया है )दंगें नहीं हुए हैं। उत्तरप्रदेश के सर्वेसर्वा श्री मुलायम सिंह यादव तो श्रीमती सोनिया के अन्यतम समर्थक हैं। लोग ये भी जानना चाहेंगे कि श्रीमती सोनिया द्वारा पोषित और समर्थित राज्य में यदि दंगे हो रहे हैं तो ये सोनिया गांधी से क्यों न पूछा जाए कि ये सब क्यों हो रहा है।
दरअसल एक माँ के नाते श्रीमती सोनिया इस उलझन में फंस गईं हैं कि अपने पुत्र राहुल गांधी द्वारा कही गई बात का औचित्य ढूंढ रही हैं। बेहतर तो यही होता कि वे साफ़ इस बात को मान लेतीं कि राहुल गांधी द्वारा कही गई बात का कोई सिर पैर नहीं है। बस बालकपन में उन्होंने ये बात कह दी है। ऐसा मान लेने से भारतीय समाज में श्रीमती सोनिया की प्रतिष्ठा बढ़ती। बशर्ते कि उनके सलाहकारों को ये सब कुछ हज़म होता।
BJP dismisses Sonia's communal violence barb
The BJP government on Tuesday dismissed Congress president Sonia Gandhi's attack on it over the "rise" in communal riots since it assumed power, saying it was not necessary to comment on her "off the cuff" remarks after Prime Minister Narendra Modi has already made his stand clear.
Minister of state in the Prime Minister's Office Jitendra Singh told reporters that he did not think "we should attach much importance to what somebody was saying" as we live in "evidence-based era of arguments".
"The Prime Minister's and government's stand on these issues (communal violence) is more than clear. The issue came up in Parliament and the government made its position very clear.
The home minister made a very elaborate statement in Parliament yesterday (Monday)," he said.
Congress president Sonia Gandhi on Tuesday attacked the Narendra Modi government saying there has been a spurt in communal violence in the country after his Bharatiya Janata Party (BJP) came to power and added its prime agenda was to divide people.
Sonia was addressing members of the Kerala Pradesh Congress Committee in Thiruvananthapuram.
In her first direct attack on the Modi government, Sonia said there have been 600 incidents of communal violence in 11 weeks of his rule adding that during the Congress-led UPA regime, there were hardly any such incidents.
"I wonder why after the BJP came to power all these communal incidents have happened," ANI quoted the Congress president as saying.
"It seems some of these incidents are deliberately orchestrated. The party in power is in a hurry to divide people. The Congress will not allow dilution of secular and pluralistic tradition of the country," she said.
According to news reports, there have been more than 600 communal flare-ups of varying degrees in Uttar Pradesh since May 16 — the day the general election results were announced. Most of them happened in the 12 bypoll areas of the state.
Starting from Muzaffarnagar in 2013, several UP districts have been scarred by riots, the latest beingMeerut. The district has been on the boil for the last few days after news of an alleged forced conversion and rape of a 20-year-old woman in a religious institution spread.
Congress vice-president Rahul Gandhi in an uncharacteristically aggressive mood in Parliament had attacked the NDA on its reluctance to debate the issue in Lok Sabha.
Parliamentary affairs minister M Venkaiah Naidu had last week denied that there was any religious tension in the country and accused the Opposition of creating unnecessary hurdles in the House.
Naidu was responding to the opposition’s demand for a parliamentary debate on the rising number of communal clashes in the country.
She also took a dig at Modi government's continued silence on mounting civilian deaths and atrocities in Gaza.
"We have seen how they were resisting even a discussion in Parliament. But in Rajya Sabha we managed to do it," she said adding the ruling party has overlooked the age-old ties with the suffering people of Palestine.
Modi had in his speech at the BJP's national Council meet on August 9 blamed "vote-bank politics" of Congress and ruling Samajawadi Party in UP for riots in the state.
"BJP never accepts such incidents (of violence). Peace, unity, harmony and brotherhood are the pre-requisites of progress and there will be no compromise on this.
"Some people who have suffered a massive defeat are still not able to desist from engaging in old vote-bank politics.
They are engaged in disturbing the social fabric of the country," Modi had said.
(With inputs from PTI and ANI)
Sonia Gandhi - The Indian Express
indianexpress.com/.../sonia-attacks-modi-govt-blames...
The Indian Express
Riots have been deliberately created, increased after Modi government came to power: Sonia Gandhi
- Congress president Sonia Gandhi on Tuesday blamed the Bharatiya Janata Party (BJP) government in Centre for the recent spurt in the incidents of communal cases in Uttar Pradesh and Maharashtra.
Addressing a meeting of the office-bearers of the Kerala Pradesh Congress Committee, Gandhi alleged that “all these incidents were being deliberately created to divide society on religious line.”According to the Congress president, communal incidents had increased after the BJP government came into power.She further hit out at the NDA government over India’s stand on the Gaza issue. “The BJP government has betrayed India’s long tradition of solidarity with the people of Palestine.” she said.This comes days after Congress vice president Rahul Gandhi told The Indian Express that the communal riots in Uttar Pradesh were engineered, calling it part of a deliberate strategy to “divide the poor”.In a four-part series published this week, The Indian Express reported that in the 10 weeks following the election results of May 16, UP Police recorded 605 low-key communal “incidents”, two-thirds of which occurred in or around 12 assembly constituencies in which byelections are due before mid-November.
क्या हवा निकाली है :)
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