दर्द के गीत गाता रहा
मन ही मन मुस्कराता रहा
आँसुओं ने बयां कर दिया
वरना मैं तो छुपाता रहा
xx xx xx
दिल खिलौना समझ ,तोड़ कर
चल दिए तुम मुझे छोड़ कर
मैं खड़ा हूँ वहीं आज तक
ज़िन्दगी के उसी मोड़ पर
xx xx xx
हाल पूछो न मेरी हस्ती का
सर पे इलजाम बुत परस्ती का
उसको ढूँढा ,नहीं मिला मुझको
क्या गिला करते अपनी पस्ती का
xx xx xx
लोग बैसाखियों के सहारे चले
जो चले भी किनारे किनारे चले
सरपरस्ती न हासिल हुई थी जिसे
वो समन्दर में कश्ती उतारे चले
xx xx xx
चन्द लम्हे भी क्या हसीं होते
आप दिल के मिरे मकीं होते
ज़िन्दगी और भी सँवर जाती
आप मेरे जो हमनशीं होते
-आनन्द.पाठक
09413395592
मन ही मन मुस्कराता रहा
आँसुओं ने बयां कर दिया
वरना मैं तो छुपाता रहा
xx xx xx
दिल खिलौना समझ ,तोड़ कर
चल दिए तुम मुझे छोड़ कर
मैं खड़ा हूँ वहीं आज तक
ज़िन्दगी के उसी मोड़ पर
xx xx xx
हाल पूछो न मेरी हस्ती का
सर पे इलजाम बुत परस्ती का
उसको ढूँढा ,नहीं मिला मुझको
क्या गिला करते अपनी पस्ती का
xx xx xx
लोग बैसाखियों के सहारे चले
जो चले भी किनारे किनारे चले
सरपरस्ती न हासिल हुई थी जिसे
वो समन्दर में कश्ती उतारे चले
xx xx xx
चन्द लम्हे भी क्या हसीं होते
आप दिल के मिरे मकीं होते
ज़िन्दगी और भी सँवर जाती
आप मेरे जो हमनशीं होते
-आनन्द.पाठक
09413395592
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति आज बुधवारीय चर्चा मंच पर ।। आइये जरूर-
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंदाज़े बयाँ
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