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रविवार, 28 दिसंबर 2014

प्यार करिओ ना........एक गीत


प्यार करिओ ना
किसी पे तु मरिओ ना

चकोरी गा गा  
चाँद रिझावे
चाँद ज़मी पे ना आवे
चकोरी गा गा
कंठ सुकावे
चाँद तरस ना खावे
मोर झूठा नाच दिखा के
मोरनी को उकसावे
कामदेव का पाठ पढ़ा के
दूर कहीं उड़ जावे

प्यार करिओ ना
किसी पे तु मरिओ ना

कविराज भी लीप पोत के
मधुर गीत सुनावेंगे
सतरंगी असमानों पे उड़ने के
झूठे सपने दिखलावेंगे
खुद तो गहरी चोट खा के
कवि शायर बन जावेंगे
औरों को फिर आग लगाके
प्यार की आंधी चलवावेंगे

प्यार करिओ ना
किसी पे तु मरिओ ना

दुनियाँ भर की बात बनाके
तुझे ये बांवरा बनावेंगे
भवरों और फूलों के किस्से सुनाके
तेरे अरमानों को भड़कावेंगे
कैद परिंदों को पिंजरों में कर के
सातवें असमान पे उड़वावेंगे
इनकी बातें सुन सुन के
कई दिल पिघल भी जावेंगे

मगर तु प्यार करिओ ना
किसी पे तु मरिओ ना

भ्रांती की ये बातों तु सुनिओ ना
तु पहली सीड़ी चढ़िओ ना
तु प्यार किसी से करिओ ना
जब दुःख के बदलाँ  घिर आवेंगे
तुझ को अपने जैसा कवी बनावेंगे
तेरे हाथ फिर दे कलम दवात
असफ़ल प्यार के सफल गीत लिखवावेंगे

तु प्यार करिओ ना
किसी पे तु मरिओ ना...
                                    ........इंतज़ार


2 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (29-12-2014) को पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत धन्यवाद् चर्चा मंच पर स्थान देने के लिये ...सादर

      हटाएं