शोरगुल के मामले में मुंबई अव्वल है दुनियाभर में
वह टेक्सीवाला भैया कितनी बड़ी बात कह गया था मुंबई की हवा -पानी -मिट्टी के बारे में प्रदूषण के बारे में :यहां चार सौ रुपया रोज़ की दिहाड़ी है टैक्सी का भाड़ा काटके ,साथ में प्रदूषण है गाँव में आक्सीजन ही ऑक्सीजन पैसा नहीं है।
यहां आने के बाद दो महीने तो सब भला लगता है फिर सब बासी बासी। और उदासी। फलसफा कह गया था भैया। आज विश्वपर्यावरण दिवस पर उसकी बात दिमाग में बा -रहा कौंध रही है। पता चला है मुंबई दुनिया का सबसे ज्यादा शोर -शराबे वाला महानगर है। यहां के निरंतर बने रहने वाले शोर से न सिर्फ हमारे कानों को ख़तरा बना रहता है हमारा दिल और दिमाग भी असरग्रस्त होता है।
वायु प्रदूषण सेहत के लिए गंभीर ख़तरा बन रहा है। दिल का दौरा और मस्तिष्क आघात (ब्रेन अटैक ,आघात )इसी की सौगातें हैं। प्रदूषण का धुर स्तर कैंसर समूह के रोगों की भी वजह बनता है।
जितना आप साफ़ वायु में सांस लेते हैं उतनी ही आपकी जीवनप्रत्याशा ज्यादा रहती है। आप उम्र दराज़ होते हैं।
दूसरे छोर पर पानी के रास्ते (जल संदूषण )भारी धातु हमारे शरीर में दाखिल हो रहे हैं जो हार्ट अटैक और कैंसर समूह के रोगों की वजह बन रहे हैं। विस्तार से खुलासा करती है यह रिपोर्ट इस महानगरी के अपने स्वास्थ्य का :
MUMBAI: Mumbai is hostage to air and water pollution at dangerous levels, and is probably the noisiest city in the world, ahead of Delhi and Kolkata. Maharashtra's economic survey, released a day before World Environment Day (Thursday), paints a grim picture for the rest of the state as well. Of particular concern is growth in solid waste, which needs incineration, against a decline in waste that is recyclable or can be used as landfill. This is a threat to soil and groundwater.
वह टेक्सीवाला भैया कितनी बड़ी बात कह गया था मुंबई की हवा -पानी -मिट्टी के बारे में प्रदूषण के बारे में :यहां चार सौ रुपया रोज़ की दिहाड़ी है टैक्सी का भाड़ा काटके ,साथ में प्रदूषण है गाँव में आक्सीजन ही ऑक्सीजन पैसा नहीं है।
यहां आने के बाद दो महीने तो सब भला लगता है फिर सब बासी बासी। और उदासी। फलसफा कह गया था भैया। आज विश्वपर्यावरण दिवस पर उसकी बात दिमाग में बा -रहा कौंध रही है। पता चला है मुंबई दुनिया का सबसे ज्यादा शोर -शराबे वाला महानगर है। यहां के निरंतर बने रहने वाले शोर से न सिर्फ हमारे कानों को ख़तरा बना रहता है हमारा दिल और दिमाग भी असरग्रस्त होता है।
वायु प्रदूषण सेहत के लिए गंभीर ख़तरा बन रहा है। दिल का दौरा और मस्तिष्क आघात (ब्रेन अटैक ,आघात )इसी की सौगातें हैं। प्रदूषण का धुर स्तर कैंसर समूह के रोगों की भी वजह बनता है।
जितना आप साफ़ वायु में सांस लेते हैं उतनी ही आपकी जीवनप्रत्याशा ज्यादा रहती है। आप उम्र दराज़ होते हैं।
दूसरे छोर पर पानी के रास्ते (जल संदूषण )भारी धातु हमारे शरीर में दाखिल हो रहे हैं जो हार्ट अटैक और कैंसर समूह के रोगों की वजह बन रहे हैं। विस्तार से खुलासा करती है यह रिपोर्ट इस महानगरी के अपने स्वास्थ्य का :
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