मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

पप्पूजी उवाच :ये सूट बूट वाली सरकार है.……


पप्पूजी उवाच :ये सूट बूट वाली सरकार है.……



पप्पूजी उवाच :ये सूट बूट वाली सरकार है.…… । पूछा जा सकता है पिछली कार्यशील यूपीए की सरकार क्या दिगंबर थी ?वस्त्र नहीं पहनती थी ?और आज क्या सूट बूट विशेष परिधान का द्योतक रह गया है।आम बात है सूट और बूट का पैरहन।

 दो महीने के अज्ञातवास के बाद  आदमी का बौद्धिक विकास हो जाए ये बिलकुल जरूरी नहीं है। पांडव तो  बारह बरस का वन प्रवास भुगतने के बाद पूरे एक बरस का अज्ञातवास भुगताये थे। फिर भी क्या प्रारब्ध ज़रा सा बदला था। पप्पूजी का यदि बदला हो तो वे सदन को  इसकी जानकारी दें। उनके वक्तव्य से इसका बोध नहीं होता।

जिनके पास विषय का बोध नहीं होता विषय  की जानकारी नहीं होती वे ऐसे ही असंगत बोलते हैं।पैन /कलम निकाल कर मुंह से चबाने लगते हैं। आस्तीन चढ़ा लेते हैं।

 क्या पिछली सरकार में धौती फटकारने वाले नहीं थे ?क्या वे धौती खोल देते थे ?कुछ तो सोचो बबुआ।  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें