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बुधवार, 22 जुलाई 2015

कलयुग में खूब बिकेगा वो ईमान ही होगा

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कलयुग में खूब बिकेगा वो ईमान ही होगा,
इंसान का दुश्मन......यहाँ इंसान ही होगा |
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दलदल बनेंगे रिश्ते....हर पोशाक पर पैबंद,
दिल खुद का देखें हम तो बेईमान ही होगा |



जब कासिदों के संग दिखेगा अपना दीवाना,
दुश्मन यहाँ दुश्मन का...कदरदान ही होगा |

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आतंकियों की देश में अब जात नहीं होती,
अब दोस्तों मत कहना मुसलमान ही होगा |

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बुजदिल करेंगे राज़.......राजदार नहीं होंगे.
नफरत यहाँ पर हर तरफ तूफ़ान ही होगा |

हर्ष महाजन

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